काल सर्प दोष शुभ या अशुभ
आपने बहुत बार सुना होगा कि कुण्डली विश्लेषक कहते है कि इस कुण्डली मे काल सर्प दोष बन रहाँ है। … पढ़ना जारी रखें काल सर्प दोष शुभ या अशुभ
आपने बहुत बार सुना होगा कि कुण्डली विश्लेषक कहते है कि इस कुण्डली मे काल सर्प दोष बन रहाँ है। … पढ़ना जारी रखें काल सर्प दोष शुभ या अशुभ
कहानी तो कहानी ही होती है कभी सच्चाई बताती तो कभी कल्पना मे ले जाती। दादी-नानी की कहानियाँ वैसी ही … पढ़ना जारी रखें महलो से गुलामी तक का सफर ( कहानी )
इंसान मृत्यु के बाद शरीर को छोड कर अपने अगले गंतव्य की तरफ प्रस्तान करता है। जिस इंसान के जैसे … पढ़ना जारी रखें मृत्यु के पश्चात की यात्रा सफर ( ज्ञान धारा )
एक ऐसी कहानी जो कभी जीवन्त थी। कहानियाँ हमे बहुत सी सिख दे जाती है। चलिए इस कहानी का रुख … पढ़ना जारी रखें खुशियो के दो पल ( कहानी )
योगा सेहत को बनाए रखने और खराब अंगो को मजबूती देने के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। करोगे योग तो … पढ़ना जारी रखें योगासन करने के लिए नियम ( ज्ञान-धारा )
माँ शब्द सुनते ही कानो मे रस घुल जाता है। एक ममतामई छवि साकार हो सास्वत प्रकट हो जाती है। … पढ़ना जारी रखें माँ की व्याख्या ( ज्ञान धारा )
एक काश्मिरी पंडितो का परिवार जो रोजगार की तलाश मे निकला काशमिर छोड कर पहुचा राजस्थान सोचा रजवाडे मे कोई … पढ़ना जारी रखें सुनी अँखियाँ बंजर जीवन ( सत्य कहानी )
तुम चलो जो संग मे तो जी लू एक अद्द जीन्दगी मै। सृजन कर लू नई सष्टि मे खुबसुरत पल … पढ़ना जारी रखें तुम चलो जो संग मे तो जी लू मै
यू तो सपने मे पहाड दिखाई देना शुभ और अशुभ दोनो ही फल दे सकता है। इसके लिए यह जानना … पढ़ना जारी रखें सपन विचार पहाड का सपने मे दिखना
माई रे मेरे पीव ( प्रेमी-पति ) तो बसे है, परदेश कौन संग मै खेलु होली। अश्रु बहे नैयनन मे … पढ़ना जारी रखें माई रे कौन संग खेलु होली ( विरह गीत )
भारत के इतिहास मे बहुत से संत ज्ञानी हुए जिनकी ख्याति पुरी दुनिया मे फैली। ऐसे संतो की श्रैंणी मे … पढ़ना जारी रखें मीराबाई
आप सबके मन मे यह उत्कंठा होगी की भगवान कैसे होते है। उनका रंग-रुप कैसा है। वास्तव मे भगवान को … पढ़ना जारी रखें ईश्वर का रुप-रंग शास्त्रानुसार (धार्मिक लेख )
भारत वर्ष मे बहुत से त्यौहार मनाए जाते है। जिसमे कई पुरे भारत मे और ऐसे त्यौहार होते है जो … पढ़ना जारी रखें राजस्थान का लोक-पारम्परिक त्यौहार गणगौर ( धार्मिक लेख )
सिखा गई सीता जीना कैसे है इस दुनिया मे हमे, शिक्षिका थी महान, आर्दश अपने समझा गई। राजा के हो … पढ़ना जारी रखें सिखा गई सीता जीना कैसे है इस दुनिया मे हमे ( काव्य रचना )
वो ( जीन्दगी ) चलाती गई और मै चलता गया।अस्तित्व क्या है मेरा, ये बता पायेगा कौन भला। उन से … पढ़ना जारी रखें वो चलाती गई और मै चलता गया ( काव्य रचना )
सावँरा रे ओ सावँरा मोरा मन हुआ बावरा तोरी नटखट,भोली अदाओ पर ओ रे सावँरा। तेरे दर्शन को तरसे अँखिया … पढ़ना जारी रखें सावँरा रे ओ सावँरा मन हुआ मोरा बावरा ( काव्य रचना )
तृन धरी ओट कहति वैदेहि, सुमिरी अवधपति परम स्नेही। भावार्थ जब रावण अशोक वाटिका मे आ कर सीता को भांति-भांति … पढ़ना जारी रखें अशोक वाटिका मे सीता का रावण से संवाद व्याख्या ( धार्मिक ज्ञानवर्धक लेख )
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प्रचीन शास्त्रो मे नारी के विभिन्न स्वभाव के अनुसार वर्गीकरण किया गया है। जिसे समुंद्र शास्त्र नामक… पढ़ना जारी रखें माता के नव-स्वरुप का वर्णन ( धार्मिक ज्ञान धारा )
प्रचीन शास्त्रो मे नारी के विभिन्न स्वभाव के अनुसार वर्गीकरण किया गया है। जिसे समुंद्र शास्त्र नामक ग्रन्थ मे विस्तरित्र … पढ़ना जारी रखें समुंद्र शास्त्रानुसार नारियो का वर्गीकरण ( ज्ञानवर्धक लेख )
ऐरी सखि ऋृतुराज बसंत आयो री। घर-घर उच्छव छायो री। ऐरी सखि ऋृतुराज बसंत आयो री। ऐरी सखि बसंत आयो … पढ़ना जारी रखें ऐरी सखि ऋृतुराज बसंत आयो री ( काव्य रचना )
हे अभयंकर,हे करुणाकर शिष तुम्हारे गंग की धारा। हे अभयंकर हे करुणाकर। गले मे सोहे भुजंग माला। हे अभयंकर,हे करुणाकर। … पढ़ना जारी रखें हे अभयंकर,हे करुणाकर ( काव्य रचना )
हे मृगनैयनी कौन हो तुम,तुम कौन हो। तुम मौंन हो इसी लिए गौंण हो तुम सुन रहाँ है कौन तुम्हारा … पढ़ना जारी रखें हे मृगनैयनी कौन हो तुम ( काव्य रचना )
अर्रर- शर्रर, अर्रर-शर्रर की गुँजार गुँज रही चहु दिश भारी है। देखो खेल रहाँ होली बनवारी है, धुम-धमाल मचा महल-अट्टारी … पढ़ना जारी रखें होली गीत
माँ जैसा कोई नही देख ली दुनिया सारी पर माँ के बीना कोई अपना बना ही नही, माँ जैसा कोई … पढ़ना जारी रखें माँ जैसा कोई नही ( काव्य रचना )
त्रिजटा नाम राच्छसी एका राम चरण रति निपून विवेका। सबन्हौ बोलि सुनाएसि सखि सपना। सीतही सई करुहु हीत अपना।। इस … पढ़ना जारी रखें त्रिजटा का सपना ( स्वपन ) ( लेख रचना )
माई रे कौन संग खेलु होली, मेरे पिया तो बसे है परदेश। माई कौन संग खेलु होली,पिया तज गए अकेली। … पढ़ना जारी रखें माई रे कौन संग खेलु होली
कहानियाँ ऐसी जिसमे ज्ञान और प्रेरणा दोनो का समावेश हो, तो वह कहानी आदर्श होती है। ऐसी कहानियो को पढ … पढ़ना जारी रखें अँगुलीमार ( ज्ञानवर्धक कहानी )
राधा नही है कृष्ण सखि कभी। राधा नही है कृष्ण सखि कभी। मेने पुछा साँवरे से कि तुम्हारी प्रिया है … पढ़ना जारी रखें राधा नही कृष्ण सखि कभी ( काव्य रचना )
कौन हुँ मै हस्ति क्या है मेरी साँवरे जान ना पाये है। माट्टी का पुतला है, माट्टी मे ही मिल … पढ़ना जारी रखें कौन हुँ मै हस्ति क्या मेरी साँवरे— ( काव्य रचना )
राम जी जब पैदा हुए तो उनके अदभूद रुप को देख माँ कौशलया विष्मित हो गई। आँखो से खुशी के … पढ़ना जारी रखें भए प्रकट कृपाला दीन दयाला ( काव्य रचना )
आज महाशिवरात्रि के इस पावन पर्व पर एक नजर प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगो के बारे मे तो चलीए दर्शन करने आईए … पढ़ना जारी रखें शिव के बारह ज्योतिरलिंगो के दर्शन,वर्णन
भला है, अकेलापन मतलबी दुनिया की भीड से। लोग कहते है,हो तुम अकेले । हम भी मुस्कुरा देते है, कहाँ … पढ़ना जारी रखें भला है, अकेलापन मतलबी दुनिया मे बेगानो की भीड से कही
आपने कृष्ण लीला बहुत बार देखी सुनी ही होगी। कृष्ण लीला मे एक विशेष चरित्र पुतना के बारे मे देखा … पढ़ना जारी रखें पुतना परिचय (ज्ञान धारा )
एकबार एक दुकानदार था। उसका मांस बेचने का कारोबार था। वह लोगो को ताजा कटा मांस बेचा करता। इस तरह … पढ़ना जारी रखें कर्मो का फल ( एक ज्ञानवर्धक कहानी )
मिट्टी मे दफन हिरा, कदर तेरी समझ पाया है कौन। दुनिया की बेरहम नजरो ने तुझे, पत्थर ही तो बतलाया … पढ़ना जारी रखें मिट्टी मे दफन हिरा कदर तेरी कौन समझ पाया ( काव्य रचना )
कर ली बसर हमने जीन्दगी यूही हालात का फसाना बन कर। तमाम तमन्नाए सभी रह गई हकीकत बन कर। ब्यान … पढ़ना जारी रखें बसर कर ली जीन्दगी हमने (काव्य रचना )
भारतीय सभ्यता सबसे पुरानी सभ्यता है। हमारी सभ्यता के साथ पनपी पुरानी सभी सभ्यता लगभग खत्म हो गई मगर, हमारी … पढ़ना जारी रखें सभ्यता कल,आज,कल ( विचारणीय तथ्य )
( बेटे की नजर मे माँ का अस्तित्व ) मेरी प्यारी माँ,तुम होती हो तो रोशन होती मेरी जीन्दगी, मेरी … पढ़ना जारी रखें मेरी प्यारी माँ ( काव्य रचना )
हाँ हूँ मै अर्धांगिनी,तन से ही नही मन से आत्मा से जुडती हुँ मै।हाँ हुूँ मै अर्धांगिनी। माना कि हर … पढ़ना जारी रखें अर्धांगिनी (काव्य रचना )
मुझे छू कर गुजरने वाली ऐ हवा इतना तो बतला कि, किस साहिल पर है सनम का ठिकाना। है वनो … पढ़ना जारी रखें कहाॅ है सनम का ठिकाना (काव्य )
आपने बहुत से ऐसे लोगो को देखा होगा जो अपनी स्थिति,अपनी उमर, अपने वर्ग के भिन्न लोगो से प्रभावित होते … पढ़ना जारी रखें फैशन या मनोरोग
जमाना बदळता देर कोनी ळागे। राजावा रो युग भी खत्म हो गयो अर नयो युग चालनो शुरु हो गयो। पन … पढ़ना जारी रखें पन्ना धाय रो बलिदान
बहुत से लोग पति-पत्नि या कोई अन्य यह नही समझते की उन्हे सच्चा प्यार है। वे लोग इस सच्चे प्यार … पढ़ना जारी रखें सच्चा प्यार पहचाने
महाऋषि विश्वामित्र बहुत बडे तपस्वी थे उन्होने बहुत तप किए। उन्होने तप के बल से देवताओ के राजा इन्द्र को … पढ़ना जारी रखें अभिज्ञान शाकुंतलम (शकुंतला की कहानी एक सच्ची प्रेम गाथा )
एकबार की बात है।एक पाठशाला मे अध्यापक अपने शिष्यो को बहुत अच्छे से पढाते थे। अब एक दिन अध्यापक के … पढ़ना जारी रखें परीक्षा ( कहानी )
जब नारी को मान-सम्मान मिलता है. तो वो फूलो के समान खिल कर पुरे घर को खुश रखती है। परन्तु … पढ़ना जारी रखें नारी सम्मान की अधिकारी ( लेख )
एक बार जंगल मे एक चिडा और एक चिडिया दोनो संग रहते उनके दिन सुखपूर्वक बितते थे। दोनो दिन भर … पढ़ना जारी रखें लाल रति चिडिया ( कहानी )
भगवान श्री कृष्ण ने गीता मे मनुष्यो, प्राणी मात्र की भलाई के लिए बहुत से ज्ञानोपदेश तत्वो को उजागर किया … पढ़ना जारी रखें श्री कृष्ण के मुखारविंद से निकली ज्ञानगंगा ( गीता )
सपने एक ऐसी विधा है जो इंसान को आने वाले समय के लिए सचेत करने का काम करते है। मनुष्य … पढ़ना जारी रखें सपन विचार ( प्रकाश-अंधकार )
भारत प्राचिन काल मे सोने की चिडियाँ के नाम से विख्यात था। यहा बहुत महान शासको ने वर्षो शासन किया। … पढ़ना जारी रखें भारत मे आक्रांताओ का आगमन
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योगा सेहत को बनाए रखने और खराब अंगो को मजबूती देने के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।… पढ़ना जारी रखें योगासन करने के लिए नियम ( ज्ञान-धारा )