वो चलाती गई और मै चलता गया ( काव्य रचना )
वो ( जीन्दगी ) चलाती गई और मै चलता गया।अस्तित्व क्या है मेरा, ये बता पायेगा कौन भला। उन से … पढ़ना जारी रखें वो चलाती गई और मै चलता गया ( काव्य रचना )
वो ( जीन्दगी ) चलाती गई और मै चलता गया।अस्तित्व क्या है मेरा, ये बता पायेगा कौन भला। उन से … पढ़ना जारी रखें वो चलाती गई और मै चलता गया ( काव्य रचना )
सावँरा रे ओ सावँरा मोरा मन हुआ बावरा तोरी नटखट,भोली अदाओ पर ओ रे सावँरा। तेरे दर्शन को तरसे अँखिया … पढ़ना जारी रखें सावँरा रे ओ सावँरा मन हुआ मोरा बावरा ( काव्य रचना )
तृन धरी ओट कहति वैदेहि, सुमिरी अवधपति परम स्नेही। भावार्थ जब रावण अशोक वाटिका मे आ कर सीता को भांति-भांति … पढ़ना जारी रखें अशोक वाटिका मे सीता का रावण से संवाद व्याख्या ( धार्मिक ज्ञानवर्धक लेख )
प्रचीन शास्त्रो मे नारी के विभिन्न स्वभाव के अनुसार वर्गीकरण किया गया है। जिसे समुंद्र शास्त्र नामक ग्रन्थ मे विस्तरित्र … पढ़ना जारी रखें समुंद्र शास्त्रानुसार नारियो का वर्गीकरण ( ज्ञानवर्धक लेख )
ऐरी सखि ऋृतुराज बसंत आयो री। घर-घर उच्छव छायो री। ऐरी सखि ऋृतुराज बसंत आयो री। ऐरी सखि बसंत आयो … पढ़ना जारी रखें ऐरी सखि ऋृतुराज बसंत आयो री ( काव्य रचना )
हे अभयंकर,हे करुणाकर शिष तुम्हारे गंग की धारा। हे अभयंकर हे करुणाकर। गले मे सोहे भुजंग माला। हे अभयंकर,हे करुणाकर। … पढ़ना जारी रखें हे अभयंकर,हे करुणाकर ( काव्य रचना )
हे मृगनैयनी कौन हो तुम,तुम कौन हो। तुम मौंन हो इसी लिए गौंण हो तुम सुन रहाँ है कौन तुम्हारा … पढ़ना जारी रखें हे मृगनैयनी कौन हो तुम ( काव्य रचना )
अर्रर- शर्रर, अर्रर-शर्रर की गुँजार गुँज रही चहु दिश भारी है। देखो खेल रहाँ होली बनवारी है, धुम-धमाल मचा महल-अट्टारी … पढ़ना जारी रखें होली गीत
माँ जैसा कोई नही देख ली दुनिया सारी पर माँ के बीना कोई अपना बना ही नही, माँ जैसा कोई … पढ़ना जारी रखें माँ जैसा कोई नही ( काव्य रचना )
त्रिजटा नाम राच्छसी एका राम चरण रति निपून विवेका। सबन्हौ बोलि सुनाएसि सखि सपना। सीतही सई करुहु हीत अपना।। इस … पढ़ना जारी रखें त्रिजटा का सपना ( स्वपन ) ( लेख रचना )
माई रे कौन संग खेलु होली, मेरे पिया तो बसे है परदेश। माई कौन संग खेलु होली,पिया तज गए अकेली। … पढ़ना जारी रखें माई रे कौन संग खेलु होली
कहानियाँ ऐसी जिसमे ज्ञान और प्रेरणा दोनो का समावेश हो, तो वह कहानी आदर्श होती है। ऐसी कहानियो को पढ … पढ़ना जारी रखें अँगुलीमार ( ज्ञानवर्धक कहानी )
राधा नही है कृष्ण सखि कभी। राधा नही है कृष्ण सखि कभी। मेने पुछा साँवरे से कि तुम्हारी प्रिया है … पढ़ना जारी रखें राधा नही कृष्ण सखि कभी ( काव्य रचना )
कौन हुँ मै हस्ति क्या है मेरी साँवरे जान ना पाये है। माट्टी का पुतला है, माट्टी मे ही मिल … पढ़ना जारी रखें कौन हुँ मै हस्ति क्या मेरी साँवरे— ( काव्य रचना )
राम जी जब पैदा हुए तो उनके अदभूद रुप को देख माँ कौशलया विष्मित हो गई। आँखो से खुशी के … पढ़ना जारी रखें भए प्रकट कृपाला दीन दयाला ( काव्य रचना )
आज महाशिवरात्रि के इस पावन पर्व पर एक नजर प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगो के बारे मे तो चलीए दर्शन करने आईए … पढ़ना जारी रखें शिव के बारह ज्योतिरलिंगो के दर्शन,वर्णन
भला है, अकेलापन मतलबी दुनिया की भीड से। लोग कहते है,हो तुम अकेले । हम भी मुस्कुरा देते है, कहाँ … पढ़ना जारी रखें भला है, अकेलापन मतलबी दुनिया मे बेगानो की भीड से कही
आपने कृष्ण लीला बहुत बार देखी सुनी ही होगी। कृष्ण लीला मे एक विशेष चरित्र पुतना के बारे मे देखा … पढ़ना जारी रखें पुतना परिचय (ज्ञान धारा )
एकबार एक दुकानदार था। उसका मांस बेचने का कारोबार था। वह लोगो को ताजा कटा मांस बेचा करता। इस तरह … पढ़ना जारी रखें कर्मो का फल ( एक ज्ञानवर्धक कहानी )
मिट्टी मे दफन हिरा, कदर तेरी समझ पाया है कौन। दुनिया की बेरहम नजरो ने तुझे, पत्थर ही तो बतलाया … पढ़ना जारी रखें मिट्टी मे दफन हिरा कदर तेरी कौन समझ पाया ( काव्य रचना )
कर ली बसर हमने जीन्दगी यूही हालात का फसाना बन कर। तमाम तमन्नाए सभी रह गई हकीकत बन कर। ब्यान … पढ़ना जारी रखें बसर कर ली जीन्दगी हमने (काव्य रचना )
भारतीय सभ्यता सबसे पुरानी सभ्यता है। हमारी सभ्यता के साथ पनपी पुरानी सभी सभ्यता लगभग खत्म हो गई मगर, हमारी … पढ़ना जारी रखें सभ्यता कल,आज,कल ( विचारणीय तथ्य )
( बेटे की नजर मे माँ का अस्तित्व ) मेरी प्यारी माँ,तुम होती हो तो रोशन होती मेरी जीन्दगी, मेरी … पढ़ना जारी रखें मेरी प्यारी माँ ( काव्य रचना )
हाँ हूँ मै अर्धांगिनी,तन से ही नही मन से आत्मा से जुडती हुँ मै।हाँ हुूँ मै अर्धांगिनी। माना कि हर … पढ़ना जारी रखें अर्धांगिनी (काव्य रचना )
मुझे छू कर गुजरने वाली ऐ हवा इतना तो बतला कि, किस साहिल पर है सनम का ठिकाना। है वनो … पढ़ना जारी रखें कहाॅ है सनम का ठिकाना (काव्य )
आपने बहुत से ऐसे लोगो को देखा होगा जो अपनी स्थिति,अपनी उमर, अपने वर्ग के भिन्न लोगो से प्रभावित होते … पढ़ना जारी रखें फैशन या मनोरोग
तन्हा बंजर सी मरु भूमी पर उग आई साख मेरी क्यो खोदते हो जडे मेरी। माटी के इस बूत मे … पढ़ना जारी रखें क्यो खोदते हो जडे मेरी
लौट चलो पथिक सुन नीड की चित्तकार। व्याकुल अधीर सा क्यो डोलता फिरे। मन बावले को टटोलता फिरे। व्यर्थ निहारता … पढ़ना जारी रखें लौट चलो पथिक सुन नीड की चित्तकार
गुम हुआ अक्श मेरा ना जाने कही। ढुंडती हुँ हर लम्हे को चारो तरफ बिखराए। खो जाती हुँ यादो के … पढ़ना जारी रखें खो गया है अक्श मेरा कही
हा हुँ मै एक परि, पंख नही रखती पर एक आशा से भरती हुँ अपनी उडान सभी। हा हुँ मै … पढ़ना जारी रखें हा हुँ मै एक परि (काव्य रचना )
हम सात्विक भोजन इस लिए पसंद करते है क्योकि इस से तन-मन व बुद्धि शुद्ध बनती है। नये और स्वच्छ … पढ़ना जारी रखें शुद्ध सात्विक चाय ( हर्बल टी )
राम राम जी आपका अभिन्नदन है कहाँवत है कि जैसा खाओ अन्न वैसा बने मन। ठीक ही तो कहाँ गया … पढ़ना जारी रखें यविका क्षीर पाक ( शुद्ध सात्विक भोजन )
राज रंजनी,विरह तरंगिनी कौन हो कौन हो तुम। चटक चाँदनी की धवलता लिए, मन को उदिगन किये मौन खडी हो … पढ़ना जारी रखें राज रंजनी,विरह तरंगिनी,कौन हो तुम ( काव्य रचना )
फूल हो तो घर आंगन बगिया सब महक उठते है। हमारे कुछ फूल जो आम जन की पहुच तक है। … पढ़ना जारी रखें फूलो की महक चलिए फूलो की हसिन वादियो मे
हमे नित्य ही सुबह शाम संध्या आरती मे भगवान के गुणो का गान करना चाहिए इससे हमारी प्रित राम से … पढ़ना जारी रखें श्री रामचंद्र जी की स्तुति ( श्री राम स्तुति )
हमारे समाज की धारणा है कि गणेश चौथ-संकट चौथ की रात को चाँद के दर्शन नही करना चाहिए। मान्यतानुसार तथ्य … पढ़ना जारी रखें भादो की चौथ के चंद्र दर्शन दोष निवारन कथा,समयंतक मणी की कथा
हमारे समाज मे बहुत सी कहाँवते,लोक्कोतियाँ,दोहे प्रचलित है जो जन जीवन से सम्बन्धित दृष्टिकोण रखते है। रहिमन पावस देखिके कोयल … पढ़ना जारी रखें दोहे जिनका जीवन मे व्यंगातमक वर्णन
जमाना बदळता देर कोनी ळागे। राजावा रो युग भी खत्म हो गयो अर नयो युग चालनो शुरु हो गयो। पर … पढ़ना जारी रखें पन्ना धाय रो बलिदान
आजकल आम बाजार मे आसानी से मिल जाते है। आम खाने मे स्वाद तो होता ही है,इसके गुण भी होते … पढ़ना जारी रखें आम ( केरी ) का खट्टा-मिठा आचार ( छुंदा )
करेले के कडबे स्वाद के कारण बहुत से लोग करेले की सब्जी नही खाते। अगर इसे स्वादिष्ट तरीके से बनाया … पढ़ना जारी रखें करेले की स्वादिष्ट सब्जी
प्राचीन काल से ही भारतीय समाज मे मासिक धर्म के अनुसार बहुत से नियम बनाए गए है।आज की भागती-दौडती जीन्दगी … पढ़ना जारी रखें महिलाओ की मासिक धर्म के तथ्य कितने सत्य
आप सभी ने यह तो सुन ही रखा है कि नव ग्रह मे राहु और केतु को भी सामिल किया … पढ़ना जारी रखें राहु केतु एक विचार धारा
बहुत से लोग पति-पत्नि या कोई अन्य यह नही समझते की उन्हे सच्चा प्यार है। वे लोग इस सच्चे प्यार … पढ़ना जारी रखें सच्चा प्यार पहचाने
कंश को जब वासुदेव पुत्र श्री कृष्ण और बलदाऊ का वृंदावन मे होने की गुप्तचरो से जानकारी मिली तो कंस … पढ़ना जारी रखें भगवान श्री कृष्ण का मथुरा मे प्रवेश करना और कुब्जा पर कृपा करना
महाऋषि विश्वामित्र बहुत बडे तपस्वी थे उन्होने बहुत तप किए। उन्होने तप के बल से देवताओ के राजा इन्द्र को … पढ़ना जारी रखें अभिज्ञान शाकुंतलम (शकुंतला की कहानी एक सच्ची प्रेम गाथा )
एकबार की बात है।एक पाठशाला मे अध्यापक अपने शिष्यो को बहुत अच्छे से पढाते थे। अब एक दिन अध्यापक के … पढ़ना जारी रखें परीक्षा ( कहानी )
एक बार जंगल मे एक चिडा और एक चिडिया दोनो संग रहते उनके दिन सुखपूर्वक बितते थे। दोनो दिन भर … पढ़ना जारी रखें लाल रति चिडिया ( कहानी )
भगवान श्री कृष्ण ने गीता मे मनुष्यो, प्राणी मात्र की भलाई के लिए बहुत से ज्ञानोपदेश तत्वो को उजागर किया … पढ़ना जारी रखें श्री कृष्ण के मुखारविंद से निकली ज्ञानगंगा ( गीता )
कहानिया कथाए जो जनमानस के मन और मस्तिषक पर अपना प्रभाव डालती है। बहुत से कथाए जीवन को जीने का … पढ़ना जारी रखें रोचक कहानी ( पितर तर्पण ) पिण्डदान का महत्व