पन्ना धाय रो बलिदान

जमाना बदळता देर कोनी ळागे। राजावा रो युग भी खत्म हो गयो अर नयो युग चालनो शुरु हो गयो। पन कोई जमानो इसो भी होवे है जिनरो मान युगा-युगा तक गायो जावे है। राजस्थान री घरती मांए इसा कई किस्सा होया है कि जिनरो गुनगान करता सारु म्हारी जवान नी थके है। पहळी लोगा मे देश राज्य खातीर बळिदान देवा खातर लोग कदेई ळारे नई रेहवता हा। इसो ही एक किस्सा म्हारी प्यारी धरती राजस्थान मे भी होयो हो जिनरो बखान आज भी लोगा री जुबान पर रेहवे है। आज आपने एक इसी घटना सांझी करवा ने चाहुँ हुँ। आप सब बडी ध्यान सु ई कहानी ने पढी जो इन सु आप ने प्रेरणा मिल ला। चलो देर ना करता होया कहानी रो बखान करा हाँ। कहानी है राजस्थान रे वीर बांकुरे राजा महाराणा प्रताप रे पिता उदयसिंह री धाय माँ रो मोटो बळिदान रो बखान इन कहानी मे मिल सके है।

पन्ना धाय रो परिचय ———–ृ

राजस्थान री धरती रो मान गढ चितौडगढ मे राणा सांगा रो राज हो। उन दिना राणा ने घना युद्ध करनो पडया हा, दुश्मना सु आपनी धरती नै बचावा खातर राणा आपना प्राण न्यौछावर कर दिया हाँ। कुबर उदयसिंह अभी 6-7 वर्ष रो ही होयो। उन समया बनवीर राणा सांगा रे बडे भाई रो बेटो वा राणा सांगा रे सिंहासन पर बैठवा री खातर राणा संग्रामसिंह अर उनरे परिवार ने मौत रे घाट उतार राज लुटन री योजना बनाई। वा ळाळची बनवीर आपनी योजना रे तहत एक दिन शाम होया पाछे महळ रे बाहर गढ माई नट अर नटनी ने तमाशे खातर बुलाई। नट-नटनी दिन ढलिया आपनो तमाशो दिखावन लाग रिया हा। सारी प्रजा उन तमाशे ने देखवा खातर गढ मे पुग गई उन नट-नटनी रो तमाशो शुरु हो गयो हो।

अब बनवीर ने मौको मिळ गयो कि ळोग-बाग तमाशा देखन मे रम गया इन समया महळ माई राणा जी अर उनरो परिवार ने मारवा रो रास्तो साफ होता पगा ही बनवीर महळ माई गयो अर राणा जी रानी सा ने सोतो देखर उनरे ऊपर तळवार सु बार कर दियो हो। या खबर दास सु एक सामंत ने पड गी वा कुबर रे महळ री तरफ बढ गयो उन ने समझ आ गई बनवीर री चाळ वा कुबर रे महळ मे पुग गयो। उन समिया कुबर पिळंग माई सोवतो पडो हो। वा धाय माँ रे कने जार बनवीर री सारी करतुत पन्ना धाय ने बताई अर समझायो कि मै दास ने अंदर भेजुला थे उनरे सांगे कुबर उदय ने छुपार म्हारे कने भिजवा दिजो। पन्ना धाय सब समझर बोली ठीक है उन ळाळची बनवीर रे कुबर तक पुगन सु पेळी ही कुबर ने म्हे महळ सु बाहर भेज देऊ।

वा सामंत जल्दी सु महल रे बाहर निकळ गयो। थोडी देर माई दास कुबर ने लेवा खातिर आवतो ही होगो इन बात ने सोचता पन्ना आपने बेटे चंदन ने जो तमाशो देखवा गयो हो उन ने महळ मे ळेर आई वा चंदन ने कुबर उदय रा कपडा पहराया। चंदन बोल्यो माँ आज तु म्हाने कुबर जी रा कपडा क्यू कर पहराया है। पन्ना काई वी नी बोळी । वा चंदन ने आपनी गौंदी मे ळेर खानो खिळावा ळागी। आपनी आँख सु निकळन आळा आंशुआ ने वा रोकर राखी कि चंदन ने पतो नी चले कि माँ रोवे है। इतना माई एक दास कुबर ने लेवा आयो हो। कुबर ने पन्ना फला री टोकरी मे छुपार महल सु बाहर निळवा आई ही वह फळा री टोकरी ने माथे राखर तेजी सु घाटी आळे रास्ता सु निकळ गढ सु दूर सामंत खाने पुग गयो हो।

सामंत उन कुबर ने आपने सागे आपने सामंती राज माई ळेर चलो गयो हो। पन्ना ळोरी देर चंदन ने कुबर रे पिळंग माई सुळार आप काम करवा ळाग गई मन ही मन सोचवा ळागी के वा ळाळची बनवीर कुबर रे महळ माई आवतो ही होवेळो। वा दास कुबर ने ळेर चळो गयो सुरक्षित ही वा कुबर ने वी सामंत रे खने पुगा दियो। वा पन्ना सोचवा ळागी के बनवीर कुबर ने ना देख ळे कुबर आराम सु पुग जावे पन माँ रो दिळ भी तो हो आँख्या सु आँशु रा मोती बिखरन सु बचावा खातर वा आपनी आँख्या ने झट कर पोंछ ळियो अर आपने बेटे चंदन ने निहारन ळागी। वा जानती ही के आज रे बाद वा फैर कदे भी आपने ळाल ने आपने हिवडे सु नी ळगा सके ळा इन कर वा चंदन ने आपने हिवडे सु ळगार ठण्डी सांस ळी अर चंदन ने पाछी पिळंग माई सुळार उन ने एक चादर सु ढक दियो क्यूकर वा बनवीर ने या नी पतो ळागनो चाहिजे के अठे कुबर नी पन्ना रो बेटो चंदन सो रियो है।

चंदन ने चादर सु ढकर पन्ना आपने मन ने समझावा ळागी के वा चंदन रे विचार मा ही रई तो आँख्यो सु आँशु निकळवा बंद नी होवेळा इन खातर पन्ना झट करती महळ रे अंदर काम करवा ळागी। थोडी देर माई नशे माई धुत होयडो बनवीर हाथ माई रक्त चोवती तळवार ळेर कुबर रे महळ माई पुग गयो। महल माई पुगता ही बनवीर पन्ना ने कियो हो के कुबर कठे है। पन्ना रे मुन्डे सु काई बी शब्द नी निकळ रिया हा वा हाथ रे इशारे सु कुबर रे पिळंग री तिरफ इशारो करियो। बनवीर तेजी सु कुबर रे पिलंग री तिरफ बढयो अर आपने तळवार सु उन बालक री गर्दन काट डाळी। पन्ना झट आपने मुडे पर साडी रो पळ्ळो ळगा लियो हो जिन सु उनरी आवाज मुडे सु बाहर नी निकळ सकी। बनवीर समझयो के वा कुबर ने मार दियो है।

वा गुस्से माई आग उगळतो होयो महळ सु बाहर निकळ गयो हो। पन्ना थोडी देर बठे ही खडी रेही थोडी देर बाद हिम्मत करके वा महळ रे झरोखे सु बाहर निजर घुमाई तो बिने बनवीर महळ सु दूर जावतो निजर आयो। अब पन्ना हौंसळो करयो अर आपने ळाल रे मुंडे सु वा चादर हटाई देखता ही पन्ना ने चक्कर आवा ळागया पन वा हिम्मत नी हारी भागर महळ सु दूर एक सुनी जगिया माई गढ्ढो खोदयो। वा अब वापस महळ माई आई आपने ळाळ चंदन ने एक साफ चादर मे ळपेटयो। पन्ना चादर माई चंदन ने ळपेटर आपने हिवडे सु ळगार महल सु बाहर निकळ गई। वा उन खड्डे माई कुबर ने ळिटार उन खडे माई माटी नाख दी।

आपनी आँख सु आँशु बहार जल्दी सु घाटी री तरफ बठवा ळागी अर घाटी आळे रास्ता माई सु निकळ पन्ना गढ सु दूर चळी गई। पन्ना ने कोई ठिगानो नी मिळयो रहवा खातर। पन्ना जठे वी पुगी वे पन्ना ने रहवा ने जिगया नी देई क्यूकर सब बनवीर सु भयभीत हा। सब जानता हा के पन्ना कुबर री धाय है अर पन्ना ने शरण देवन सु बनवीर ब्याने मौत रे घाट उतार देवेलो। बेचारी पन्ना दर-दर भटकती रई आखिर पन्ना उन सामंत खाने गई जठे वा कुबर ने भेजी ही। पन्ना ने वा सामंत आपनी सामंती माई राख ळियो। इन तरिया पन्ना उन सामंत री सामंती माई रहर कुबर उदयसिंह ने पाळन ळागी। कुबर उदय जद जुवान होया हा तो वे सामत री मदद सु बनवीर रे सागे युद्ध करियो बनवीर कमजोर हो गयो हो इन खातर वा कुबर उदय सु डर आपनी जान बचार भाग गयो।

अब चितौड कुबर उदयसिंह रे हाथ माई पाछी आ गयो हो। कुबर जद राजगद्दी माई बेठवा ळागया तो बी मंगलवैला माई कुबर नगर री प्रजा रे सामी एक जलशो निकाल्यो हो। नगर री सारी प्रजा इकट्ठी होवर कुबर ने राज सिंहासन पर बैठावा खातर आई ही। कुबर गद्दी पर बैठता ही आपनी धाय माँ ने बुळाई बा धाय माँ ने आपने हाथ सु पकड राज गद्दी पर बैठाई। कुबर क्हयो के आ म्हाने आपनी माँ सु बी ज्यादा पुजनिय है क्यूकर पन्ना धाय माँ आपनी स्वामी भक्ति मे आपने हिवडे रे टुकडे रो बळिदान नी करती तो आज म्हे आप सबरे सामी खडो नी हो सकतो हो। पन्ना धाय माँ ने आज सु म्हे आपने सिंहासन पर बैठार इन्हा ने इन्हा री भक्ति अर बलिदान रो रुतवा दियो है। आज सु धाय माँ म्हारे संग सिंहासन पर विराजे ळी। पन्ना कुबर सु इतनो मान सम्मान पार गद-गद हो गी प्यार सु आँख सु आँसु निकळ आया।

पन्ना कुबर ने बोली या तो कुबर सा आपनो मान है नी तो म्हे इन सब रे काविल कदे वी नी हो सकती क्यूकर म्हे तो ठहरा एक दासी। दासी रो इतरो भाग कठे के वा राज सिंहान पर बैठ सके। आप रो मान राखवा री खातर म्हे सिंहासन पर तो बैठ गई पन म्हे आपरी धाय माँ ही जी रेबुली। म्हे आपनी स्वामी भक्ति माई यो सब करयो हो इन माई म्हाने कोई तरिया रो ळालच नी होवे है। कुबर झट आप धाय माँ रे सामी झुगया अर उनरा पगलिया पुज्या हा। धाय माँ कुबर ने आपने ळाल चंदन री तरिया कुबर ने हिवडे सु ळगार बोली आज म्हाने गर्व होवे आपने कुबर पर के वे आपनी संस्कृति ने महान बनाई म्हारे जिसी धाय रा पगळिया पुजर। कठे एक राजा अर कठे म्हे एक दासी पन थे आपनी श्रृदा सु म्हारा पगलिया पूज्या है आज सु थे ही म्हारा ळाळ चंदन हो।

आज म्हे आपने चंदन ने खोन रो दुख भुल गई क्यूकर म्हारो ळाळ चंदन तो म्हारे सामी खडयो है। अब पन्ना कुबर उदय जो राजा उदयसिंह बन गयो पन्ना आपने राणा ळाळ ने हिवडे सु ळिपटा ळियो आँख सु खुसी रा आँशु निकळवा ळागया दोनुआ रा कुबर री बी आँख भर आई धाय माँ ने वा आपनी माँ री जगहा दी। ळोग कुबर उदय री जय राणा उदयसिंह री जय इन तरिया नारा ळगावा ळागयो कुबर रो राज तिळक होयो। कुबर उदयसिंह ने आपनी राज गद्दी मिळ गई। कुबर गद्दी पर बैठ आपने पिता राणा सांगा री तरिया ही राज काज सम्भाळवा ळागया हा। प्रजा फैर सु खुशहाल हो गई ही। उदयसिंह जी आगे चाळ एक नगर और बसायो हो। वा नगर रो नाम राणा उदयसिंह रे नाम सु ही बसायो गयो जिनरो नाम उदयपुर राख्यो हो। उदयपुर घन्नो सोवनो शहर है। आज बी इन री सुन्दरता देखता ही बने है।

उदयपुर माई झीळा रो बी निर्माण करवायो गयो जिन सु उदयपुर ने झीळा री नगरी रो नाम सु बी पहचान्यो जावे है। महाराणा प्रताप उदयसिंह जी रा सबसु बडे बेटा हा। महाराणा प्रताप री वीरता ने तो आप सब जानो ही हो। महाराणा प्रताप आपनी माटी ने कदे बी ल्जायो नी हो। वे कदे बी दुश्मना सामी घुटना नी टेकया हा। दुश्मना सु ळौहो ळेर सामनो करता हा। महाराणा प्रताप रे नाम सु तो उन रा दुश्मन कामपता हा। उदयसिंह कहवा ळागया धाय माँ म्हारी धाय नी माँ है। कुवर धाय माँ रो जयकारो ळगावै है।जय हो पन्ना माँ री। प्रजा भी कुवर रे सागे पन्ना रो सम्मान करे जयकारो ळगावै है।

जय श्री राम

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