योगा सेहत को बनाए रखने और खराब अंगो को मजबूती देने के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। करोगे योग तो रहोगे निरोग इस तरह देखा जाए तो योग बडे कारगर ढंग से शरीर के तंदुरुस्त रखने का कार्य करता है। योग के बहुत से विडियो यू टयूब पर उपलब्ध है, मगर इससे सम्बंधित नियम कम लोग ही जानते है। तो लिजीए हाजीर है आपकी ज्ञान धारा मे योग करने के नियमो की जानकारी ले कर।
योग करने से पूर्व जानकारी जरुरी कि किन नियमो को मान कर ही योग की यात्रा आरम्भ करनी चाहिए।
योग के नियम ———
योग करने से पहले कुछ नियमो को समझ कर उनको अमल ला कर ही योग की यात्रा शुरु करनी चाहिए। योग से पहले नियम आईए जानते है क्रमबद्ध——
( 1 ) योगासन करने से पूर्व शोचालय जा कर मल,मूत्र का त्याग करना चाहिए।
( 2 ) योगासन से पहले दैनिक चर्या समाप्त करने के बाद योग करना चाहिए यानि पेट साफ करके,शरीर स्वच्छ ( स्नान )करके।
( 3 ) जिस स्थान पर योगासन करना हो वहाँ की साफ सफाई करके एकदम शुद्ध वातावरण बना लेना चाहिए।
( 4 ) जिस स्थान पर योगासन करना हो वह स्थान या तो खुला मैदान हो या किसी भवन मे योग करना हो तो खिडकी दरवाजे खोल लेवे ताकि ताजी स्वच्छ हवा भवन मे आ सके।
( 5 ) योगासन समतल स्थान यानि जमीन पर करना चाहिए जिससे कोई अंग चोट की चपेट मे ना आए।
( 6 ) योगासन करने के लिए भूमी पर साफ कपडा, गलिचा, दरी, मेट आदि बिछाकर योग करना हीतकर।
( 7 ) योगासन सदैव खाली पेट करना चाहिए भोजन करने के बाद योग नही करना चाहिए। भोजन के बाद योग करने से उलटी आ सकती है भोजन अपच हो सकता है। जी घबरा सकता है। चक्कर भी आ सकते है। इस लिए योग खाली पेट करना हीतकर।
( 8 ) योगासन सुबह दैनिक चर्या समाप्त करते ही कर लेना चाहिए।
( 9 ) योगासन करने के बाद मूत्र त्याग जरुर करना चाहिए। जिससे शरीर की अनावश्यक ताप कम होगा। योग करने से शरीर के मल ( टाँक्सिन ) मूत्र के रुप मे बाहर निकल जाते है। पसीना भी शरीर के मल का त्याग करता है। योगासन करते समय पसीना आना इसी बात की पुष्टि है कि शरीर से मल बाहर आ रहाँ है।
( 10 ) योगासन करने के तुरंत बाद भोजन नही करना चाहिए। भोजन योगासन के 50-60 मिनिट बाद करना हीतकर। नही तो आध पौन घण्टा तो रुकना जरुरी है। पानी योगासन के 25-30 मिनिट बाद पी सकते है। अगर बहुत मजबूरी हो तो 15-20 मिनिट बाद पानी पी सकते है। ध्यान रखे के पानी रुम टेंपरेचर पर हो फ्रीज वाला पानी कभी ना पीये, खास कर भोजन के संग और योगा के बाद फ्रीज वाला ठण्डा पानी नही पीये।
( 11 ) योगासन करते समय हल्के और आराम दायक वस्त्र धारण करे। कोई टाईट वस्त्र ना पहने जैसे जींस,पेट आदि। टाईट वस्त्र पहन कर योगासन करने पर शरीर के किसी अंग के दबाव के कारण मस्लस मे कोई खिचाब आने से मस्लस मे सूजन आ सकती है।
( 12 ) योगासन के संग प्राणायाम कर रहे हो तो पहले योगासन करे उसके बाद ही प्राणायाम करना चाहिए।
( 13 ) कई बार अधिक गर्मी के कारण सुबह स्नान आदि से निवृत होते-होते पानी पीने की जरुरत महसूस होने लगती है। कंठ बुरी तरह सूखने लगता है। ऐसी स्थिति होने पर आप स्नान आदि से निवृत हो कर पहले पानी पी ले और अब आपको पानी पीने के बाद कम से कम 15-20 मिनिट रुकना होगा इसके बाद ही योगासन करना चाहिए।
( 14 ) योगासन व प्राणायाम सदैव शांत चित करना चाहिए जल्दबाजी मे अशांत मन से किया गया योगासन आपको आनन्द नही देगा बल्कि एक सजा की तरह आभास देगा। किसी तरह का शोरगुल नही होना ही श्रैष्ठ क्योकि शोरगुल से ध्यान भंग होगा।
( 15 ) योगासन व प्राणायाम पूर्ण होने के बाद 10-15 मिनिट के लिए ध्यान समाधि लगाना श्रैष्ठ फल देता है। ध्यान समाधि के लिए पालथी मार कर या पद्मासन मे बैठ जाए। दोनो हाथो की हथेलियो को अपनी पैरो पर नाभी की सीध मे रख लेवे हथेलिया एक दुसरे पर खुली अवस्था मे रखते हुए आँख बंद कर लेवे। सांस लेते रहे। सांस शरीर मे आने और जाने की क्रिया को बंद आँखो से महसूस करे। 10 या 15 मिनिट इस तरह रहने के बाद पूनः आँखे खोलते हुए ध्यान समाधि से बाहर आए। यह ध्यान समाधि आपको मानसिंक रुप से तंदुरुस्त करेगी।

ध्यान समाधि
योगासन शरीर के अंगो को पुष्ट,तंदुरुस्त करता है। प्राणायाम स्वास आने- जाने की क्रिया को सबल करता है। इससे फैफडो व हद्य को बल मिलता और भी अनैक विकार दुर होते है। ध्यान समाधि आपके मन मस्तिष्क को शांत रखने और आनन्द अनुभूति प्रदान करने मे सहायक होती है। जिस तरह भोजन जीवन देता है ठीक उसी तरह योगासन स्वस्थ रहने मे सहायक होता है।
जय श्री राम
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