ऐरी सखि ऋृतुराज बसंत आयो री ( काव्य रचना )

ऐरी सखि ऋृतुराज बसंत आयो री ( काव्य रचना )

ऐरी सखि ऋृतुराज बसंत आयो री। घर-घर उच्छव छायो री। ऐरी सखि ऋृतुराज बसंत आयो री। ऐरी सखि बसंत आयो … पढ़ना जारी रखें ऐरी सखि ऋृतुराज बसंत आयो री ( काव्य रचना )

भला है, अकेलापन मतलबी दुनिया मे बेगानो की भीड से कही

भला है, अकेलापन मतलबी दुनिया मे बेगानो की भीड से कही

भला है, अकेलापन मतलबी दुनिया की भीड से। लोग कहते है,हो तुम अकेले । हम भी मुस्कुरा देते है, कहाँ … पढ़ना जारी रखें भला है, अकेलापन मतलबी दुनिया मे बेगानो की भीड से कही