तुम चलो जो संग मे तो जी लू एक अद्द जीन्दगी मै।
सृजन कर लू नई सष्टि मे खुबसुरत पल भर लू मै।
समय की बढती तेज लय मे सपन संजो लू अनेक मै।
साकार होता सास्वत दृष्टि कोण कई रंगो से भर लू मै।
तुम चलो जो संग मे तो जी लू एक अद्द जीन्दगी मै।
मौन हुँ इन बेरुत विरान प्रस्तर खण्डो मे सरगम भर लू मै।
नुपुरो का स्वर स्वच्छंद सुर ताल मे झनकृत कर लू मै।
एक लुत्फ हशरतो का गुल्ले गुल्लिस्तान कर लू मै।
नवयोवना के श्रृंगारित चित्र पट्टिका मे कल्पना साकार कर लू मै।
स्वच्छंद विचरती विहडो मे सिंहनी सी दहाड मे कोमल स्वर भर लू मै।
तुम चलो जो संग मे तो जी लू एक अद्द जीन्दगी मै।
कपोल कल्पित सपन दृष्टा सी एक छवि मुखरित कर लू मै।
वेग से बहती सरिता की चपलता मे पावन तन-मन अपना कर लू मै।
मृग दृग कोर सी नयनो मे अविचल सपन दृष्टा वाणी भर लू मै।
साकार कल्पना मे अपनी नई उमंगो के रंगो की बौछार कर लू मै।
तुम चलो जो संग मे तो जी लू एक अदद जीन्दगी मै।
तुम चलो जो संग मे तो जी लू एक अद्द जीन्दगी मै।
जय श्री राम
http://चित्रा की कलम से
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चित्रा मल्हौत्रा
मुझे भगवान की लीलाओ कथाओ को पढने लिखने मे रुचि है। भारतीय संस्कारो, रीति ,रिवाज परम्पराओ को समझना व उनको मानना मेरे जीवन का आधार स्तम्भ है। मुझे प्रकृति से बहुत लगाव है। प्रकृति ने जो हमे प्रदान किया है उन सुरम्य स्थलो का भ्रमण करना उन्हे जानना बेहद खुश गवारा लगता है। मै मानव धर्म मे विश्वास करती हुँ कि संसार के सभी प्राणी उस विधाता की देन है सब से प्रेम करना। सबको सुखी और खुश व तंदुरुस्त देखना चाहती हुँ। मेरी नजर मे कोई बुरा या भला नही होता। भले-बुरे तो इन्सान के कर्म होते है। भगवान के सभी रुपो को समझना उनके आदर्शो के अनुसार चलना पसंद है। मै यह चाहती हुँ कि मेने जो ज्ञान अर्जन किया है उसका दुसरो को भी लाभ मिल सके। इसी परोपकार की भावना से इस बेवसाईट का निर्माण किया है। मुझे भी नए-नए ज्ञान की जानकारी की जरुरत पडती है इसके लिए प्रयत्नशील रहती हुँ जब भी कही से कुछ ज्ञान मिल जाए उसे स्वीकार कर लेना पसंद है। जय श्री कृष्ण
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बहुत खूबसूरत 👏👏
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धन्यवाद राम राम बहन
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राम- राम चित्रा बहन
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धन्यवाद जी
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