भारत विविधता मे एकता का स्तम्भ

भारत मे विविधता मे एकता के सूत्र मे बंधा हुआ है। विवभन्न प्रकार का खान-पान,रहन-सहन,विभिन्न बोलियाँ ,विभिन्न जाती के लोग रहते है फिर भी इस अनेकता मे भी भारत पुरी तरह से एक है। जब देश की बात आती है तो सभी देशवासी अपने प्रांत प्रेम से ऊपर उठ कर देशहित के भाव मे भर कर एकजुट हो जाते है।

भारत जम्मू कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक अलग-अलग बोली बोली जाती है। खाना-पिनी भी सबका अलग तरह का होता है, रहन-सहन,रिती-रिवाजो मे भी विभिन्नता है। भारत बहु-भाषी देश है जीसके अनेक भाषाए है ।

भारत मे बोली जाने वाली प्रमिख भाषाए—-

भारत मे अनेक भाषा बोलियाँ बोली जाती है इनमे प्रमुख तौर पर जम्मू-कश्मिर मे बोली जाने वाली भाषा डोगरी है,हिमाचल मे पहाडी बोली ( कांगडी,कुलुआनी ,चम्ब्याली आदि ) बोलियाँ बोली जाती है।हरियाणा मे हरियाणवी,पंजाब मे पंजाबी , राजस्थान मे विषेश तौर पर मारवाडी बोली जाती है ,ढुंढाडी, मेवाती, मेवाडी, बागडी भी राजस्थान मे कही-कही बोली जाती है।गुजरात मे गुजराती,महाराष्ट्र मे मराठी, बंगाल मे बंगाली, तमिलनाडू मे तामिल बोली जाती है । गोंवा, दक्षिणी महाराष्ट्र, उतरी कर्नाटक मे,और केरल के कई भागो मे कोंकणी बोली बोलते है । बिहार ,उतरप्रदेश,झारखण्ड मे भोजपुरी बोली जाती है । इस तरह देखे तो भारत मे अनेक भाषा-बोलियाँ बोली जाती है पर फिर भी भारत को एकता के सूत्र मे बांधने का काम हमारी हिन्दी भाषा करती है। भारत मे आर्यो की भाषा संस्कृत थी इस संसकृत से ही ये सब प्रांतिय भाषा-बोलिया उत्पन्न हुई है ।

भारत की लिपी देवनागरी है । देवनागरी लिपी का उद्भव ब्राहमी लिपी से हुआ है । भारत मे प्राचीनकाल मे ब्राहमी और खरोष्टी लिपी थी इसी से हमारी ये देवनागरी लिपी बनी । भारत की राष्ट्र भाषा हिन्दी है और लिपी देवनागरी ।

भारतीय रहन-सहन—-

भारतवर्ष मे विभिन्न प्रकार का रहन सहन है । हर प्रांत का अपना तरीका है रहने-सहने मे जो पहनावा एक राज्य मे चलन मे है तो दुसरे राज्य मे दुसरे तरह की पोशाक पहनी जाती है। भारत मे अधिकांशतय महिलाए साडी ही पहनती है कही पर सलवार-सूट ,कही पर लहंगा चुनरी, पहनावे मे पसंद किया जाता है। पुरुषो मे कही धोती कुर्ता तो कही पेंट-सूट गुजरात के पुरुष घेरदार पायजामी के ऊपर फ्रिल वाली कुर्ती पहनते है दक्षिण भारत मे सफेंद चादर धोती उस पर कर्ता कमीज आदी पहनते है ।राजस्थान मे सफेद धोती के ऊपर सफेद कुर्ता या कुर्ता-पायजामा पहना जाता है राजस्थानी महिलाए लहंगा-चुनरी पहनती है । उतर प्रदेश मे कुर्ता पायजामी का चलन है वहाँ महिलाए साडी पहनती है। दक्षिण भारत की महिलाए लागदार साडी पहनती है बंगाल की महिलाए साडी पहनती है पर उनका साडी पहनने का तरीका कुछ हट कर होता है। गुजरात मे सीधे पले की साडी पहनी जाती है।

भारतीय खान -पान—–

भारत मे खान-पान मे विविधता है हर प्रांत का अपना – अलग तरह का भोजन पसंद किया जाता है मसलन पंजाब का प्रसिद्ध भोजन है, छोले-भटुरे,सरसो का साग व मक्की की रोटी संग मक्खन , आलु-टिक्की और चाट पकौडियाँ बहुत पसंद की जाती है । राजमा-चावल,कढी-चावल, छोले-चावल ,विभिन्न प्रकार के परोंठे आदि पंजाब के भोजन मे शामिल है पंजाम मे चट्ट-पट्टे भोजन बहुत पसंद किए जाते है। दही की लस्सी भी बहुत पसंद करते है ।

राजस्थान मे सांगरी की सब्जी, गट्टे की सब्जी, सुखी सब्जियाँ । ऋतु के अनुसार सब्जी को सुखा लिया जाता है उसे फिर जब मन करता है पुरे साल खा सकते है , पापड, भुजिया गट्टे की खिचडी , दाल-बाॅटी .चुरमा और विभिन्न प्रकार की मिठाईयो को भोजन मे शामिल किया जाता है राजस्थान मे बहुत तिखे तेज मिर्च-मसालेदार भोजन पसंद किए जाते है जीसमे अधिक मात्रा मे मसाले (मिर्च) घी, तेल डाल कर बनाया जाता है ,बाजरे की रोटी काॅचरी की सब्जी या कढी के संग खाई जाती है गैेहु और दालो का खिचडा भी बनाया जाता है । राजस्थान मे कई तरह की मिठाईयाँ , कचौरी, भुजियाँ घेवर आदी फैमस है ।

गुजरात मे खांडवी , ढोकला , श्री खण्ड , दाल-ढोकली , भोजन का अभिन्न अंग होता है किसी विषेश उत्सव पर इन्हे भोजन मे जरुर शामिल किया जाता है । सब्जी मे उन्दयू जोकि बैंगन से बनती है विषेश पसंद की जाती है गुजराती भोजन मे कम मिर्च मसाला डाला जाता है और बहुत सी सब्जियो मे गुड जरुर डाला जाता है । महाराष्ट्र मे पुरन पोली हल्के और कम मसाले वाले भोजन चावल आदी भोजन मे शामिल होता है । महाराष्ट्र मे मांसाहार भी अधिक होता है । उडद के लडडू खासतौर पर बनाए जाते है ।

दक्षिण भारत मे इडली ,डोसा ,उत्पम ,सामबर-बडा नारियल चटनी , चावल और चावल से बनने वाले व्यंजन बहुत पसंद किये जाते है ,मैसूर बडा भी भोजन का हिस्सा होता है । दक्षिण मे मांसाहारी अधिक होते है ।

पूर्वी प्रांतो मे चावल ,अधिक चलन मे है । बंगाल का रस्गुल्ला बहुत फैमस है , बंगाल मे भांति-भांति की मिठाई बनाई जाती है जो पुरे देश मे प्रसिद्ध है। पूर्वी राज्यो मे भी मांसाहारी लोग अधिक है। इतनी विविधता होने के बाबजूद भारत मे एक दुसरे प्रांत का भोजन बहुत पसंद किया जाता है ।इन सबके अलावा पुरे भारत मे सभी प्रकार के फल जो देश विदेश कही भी उगते है शौंक से खाए जाते है । सभी प्रकार की दालो का सेवन किया जाता है । उतर भारत मे अनाज के रुप मे अधिकांशतह गैंहु खाया जाता है जबकि दक्षिण भारत और पूर्वी भारत मे चावल को अधिक खाने मे प्रयोग करते है ।

भारत मे भोगौलिक विभिन्नता—-

भारत की भौगोलिक दृष्टि से विभिन्नता पाई जाती है। कही पर पहाड ,कही पर मैदानी इलाका ,कही पर रेगिस्तान तो कही पर संमुंद्र । इस तरह देखा जाए तो भारत मे एक समान इलाका नही है । भारत के उतर मे हिमालय है तो दक्षिण मे हिन्द-महासागर । उतर मे गंगा,का मैदान भी है तो थार का रेगिस्तान भी यहाँ पर है । इस तरह से विविधता से भरा भारत मे एक मजबुत राष्ट्र का निर्माण हुआ । जीसमे सभी लोग देश प्रेम के भाव से ओत-प्रोत हो कर रहते है।

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4 विचार “भारत विविधता मे एकता का स्तम्भ&rdquo पर;

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